चलो बस एक कदम और आ जाओ मेरे पास फिर हम दोनों बैठकर बहुत देर तक एक दूसरे को अपनी कविताएं सुनाएंगे जब धीरे धीरे बारिस होगी जब प्यारी प्यारी हवाएं हमारे लिखे शब्दो का आलिंगन करेगी जब तेज़ धूप होगी और जहां पर पीपल की ठंडी ठंडी मीठी मीठी छाया होगी वही पर हाँ ! उस तालाब के पास जहां पैर लटकाकर बैठने पर मछलियां चुपके से पैर को चूमकर भाग जाती है फिर कभी हाँथ नही आती बस एक कदम और आओ मेरे पास मैं वादा करता हूँ तुम्हारी कविताओ में मैं कभी अपने आप को नही ढूंढूंगा मुझे पता है तुम्हारी कविताओ में मैं कहीं नही हूँ (सुल्तान मोहित बाजपेयी) ............. #nojotolove#nojotohindi#nojotodosti#kalakasha#