डूबते दरिया में हाथ भर बचा था, उसपर भी नजर किसी की न पड़ी, गैर तलब है की मै बच गया, लोग पूछते हैं कैसे ये संभव हुआ, हम मुस्कुराकर कह देते हैं की डूबे नही बस अपनों की तलाश में थे, थोड़ा सांसें रोक बैठ गए थे । ©ek anjan lekhak #Save #ekanjanlekhak #poem #Lines #in #Heart #Life #Life_experience