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#OpenPoetry जाओ इश्क़ कर लो हज़ारो में , अब मैं भी र

#OpenPoetry जाओ इश्क़ कर लो हज़ारो में ,
अब मैं भी रहता हूँ बहारों में ,
तन्हाइयों से मुहब्बत है मुझे 
बैठा रहता हूँ दीवारों में 
और देखता हूँ उन परिंदों को 
जो इश्क़ लड़ाते हैं ख़्वाबों में 
जाओ मेडम इश्क़ कर लो हज़ारों में ;"

    नाज़िश खान #Najishkidairyse
#OpenPoetry जाओ इश्क़ कर लो हज़ारो में ,
अब मैं भी रहता हूँ बहारों में ,
तन्हाइयों से मुहब्बत है मुझे 
बैठा रहता हूँ दीवारों में 
और देखता हूँ उन परिंदों को 
जो इश्क़ लड़ाते हैं ख़्वाबों में 
जाओ मेडम इश्क़ कर लो हज़ारों में ;"

    नाज़िश खान #Najishkidairyse