दो परिंदे एक पिजरे से रिहा हो गए है, हा हम दोनों अब जुदा हो गए है। एक ही काग़ज़ पर दोनों ने लिखी थी अपनी किस्मत, अब अलग अलग किताबो के सफा हो गए।। अब वो चांद हमारा बस नहीं रहा, उसमे अब बहुत सारे सितारे फिदा हो गए। जिनसे बिछड़ने क कभी सोचा न था, वो लोग भी अब अलविदा हो गए।। कुंवर_साहब शुभ रात्रि