कोई भी अल्फाज़ अब आजकल जुबां पर आते ही नही है, ये लब भी अब मुरझाये हुए अक्सर ख़ामोश से रहने लगे है, शायद आदत हो गई है इन्हें भी अब निःशब्द गुमनाम रहने की, जो बाते कभी दिल की बयां तुझसे खुलकर किया करते थे। -SBhupendrA- #love #sad #तेरेबिनाज़िन्दगी #रहनाहैतेरेदिलमें #मेरिमोहहबत #मेरेफ़साने #बातदिलकी