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किसी रोज़ बारिश की बूंदे बन कर गिरूंगा तुम्पर,हो स

किसी रोज़ बारिश की बूंदे बन कर गिरूंगा तुम्पर,हो सके तो मुझे अपने सीने से लगाना,
यू तन्हा मेरी यादें सताए तो आसमा में टूटता तारा बनकर चमकूंगा,हो सके तो दुवाओं में फिर से मिलन की दुवा मांगना।
सुनो....
तुम्हारा इंतजार करता मिलूंगा किसी रोज़ उसी ताल के किनारे 
हो सके तो खुदमे मुझे ढूंढने की कोसिस करना ।

©बदनाम
  खुद में मुझे ढूंढने की कोशिश करना...

खुद में मुझे ढूंढने की कोशिश करना... #Love

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