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आँखों की आँखों से,टकराने पर पाबंदी हैं वो शहर से ग

आँखों की आँखों से,टकराने पर पाबंदी हैं
वो शहर से गायब हैं,गज़लों में ज़रा मंदी हैं
    
मैं सिर्फ राख लिए घूम रहा हूँ साथ मेरे
ख्वाब-वाब,दिल-विल,सब तेरे यहाँ पर बंदी हैं

Arun Vyas - AV #मेरी_हकीकत
आँखों की आँखों से,टकराने पर पाबंदी हैं
वो शहर से गायब हैं,गज़लों में ज़रा मंदी हैं
    
मैं सिर्फ राख लिए घूम रहा हूँ साथ मेरे
ख्वाब-वाब,दिल-विल,सब तेरे यहाँ पर बंदी हैं

Arun Vyas - AV #मेरी_हकीकत