कैसा सम्मान है जब बैरी बन के घर का मेहमान आ जाए, और पर चित औचित्य बन कहर ढाहे, तो कैसे मन का बढ़ाते हम अभिमान है, जब स्वदेश प्रेम नहीं तो फिर काहे का राष्ट्र गान है। जब राष्ट्र गीत के बोलों पर अंग्रेजी स्वर्ण छा जाए, तो फिर अपनी संस्कृति और सम्मान कहां से लहराएं, पर पैर पड़ना ये तो नीचता का प्रमाण है, तो कैसा सम्मान और काहे का राष्ट्र गान है। लोग यहां परतों पर अपना जीवन जीते है, और चुप चाप अपना अपमान घुट के पीते है, लोगों को देख यहां पर लुढ़कता आत्मसम्मान है, तो कैसा सम्मान और काहे का राष्ट्र गान है। संस्कारों में जिनको अंग्रेजी पन पसंद नहीं है, उनके लिए बोली की अहर्ता यही है, ऐसे लोगों की क्या जात और क्या पहचान है, तो कैसा सम्मान और काहे का राष्ट्र गान है। कैसा सम्मान है #yqbhaskar #yqsamman #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqhindi #yqnation #yqnationalism