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जब बात दीवानी होती है , हर शाम सुहानी होती है फिर

जब बात दीवानी होती है , हर  शाम सुहानी होती है
फिर इन विरानी रातों मे, हर रात कहानी होती है।
जब बिस्तर पर हम सोते है ,दुनिया से अलग हम होते है
फिर हम उनकी यादों में ,अपने ख्वाबों को संजोते है
चलो माना की मैं बच्चा हूं इश्क में थोड़ा कच्चा हूं
पर प्यार हमारा सच्चा है, गर बात हुई तो अच्छा है
कुछ कहने से मैं डरता हूं, पलपल उसके बिन मरता हूं
पर कह दूंगा एक रोज सुबह,मैं प्यार तुम्ही से करता हू
फिर भी हम बात करेंगे अब,न करेगी वो इनकार मुझे
रही दुआ जो मेरे दोस्त की ,मिल जायेगी यार मुझे
मिल गई है जबसे यार मुझे, रहती दोस्ती से दूरी है
पर दोस्ती हमे जरूरी है,और मेरी ए मजबूरी है
बातचीत तो होती ही थी प्यार में होता झगड़ा था
कुछ छोटी मोटी गलती से,दीदी ने एक दिन पकड़ा था
बात बंद हो गई हमारी यादें बहुत सताती थी
दिन तो कटता किसी तरह रातों की नीद न आती थी
प्यार का नाटक बंद हुआ अब,आगे गमों का सेहरा था
बेचैनी तो हर पल रहती,रहता यादों का पहरा था
बन गई थी वो अब ex हमारी उसकी e बेवफाई थी
भूल चुके थे अब हम उसको ,बस y ki तन्हाई थी..

©Aaru's poetics
  #Goodevening #lonliness