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अपनी खुद की किताब, लिखने चला था मै नादान..... कह

अपनी खुद की किताब, लिखने चला था 
मै नादान..... 
कहानी मे नायक खलनायक खुद ही बन बैठा.... 
मै नादान भी तो कितना हूँ..... 
अपनी किताब मै अपना ही ज़िक्र कर बैठा.... 
फिर सोचा 
बेईमानी की इस दुनिया मे चलती ईमानदार की नाव नहीं... 
यंहा तो लोगो को पैसो से प्यार हैँ"हेमंत"
 किसी की उम्मीदों का यंहा कोई भाव नहीं !!!
लिखने लगा कुछ कहानियाँ, 
लिखते लिखते शाम हो गई... 
बेईमानो की इस दुनिया मे 
कुछ इस तरह मेरी पहली किताब बाजार मे आने से पहले ही बदनाम हो गई...... 
 ##nojoto ##nojotohindi ##honesty ##wish ##bookstore  ##quotes
अपनी खुद की किताब, लिखने चला था 
मै नादान..... 
कहानी मे नायक खलनायक खुद ही बन बैठा.... 
मै नादान भी तो कितना हूँ..... 
अपनी किताब मै अपना ही ज़िक्र कर बैठा.... 
फिर सोचा 
बेईमानी की इस दुनिया मे चलती ईमानदार की नाव नहीं... 
यंहा तो लोगो को पैसो से प्यार हैँ"हेमंत"
 किसी की उम्मीदों का यंहा कोई भाव नहीं !!!
लिखने लगा कुछ कहानियाँ, 
लिखते लिखते शाम हो गई... 
बेईमानो की इस दुनिया मे 
कुछ इस तरह मेरी पहली किताब बाजार मे आने से पहले ही बदनाम हो गई...... 
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