एक अंजान राज़ हे , कोयी जानता नही मे कातिल हु खुद का , पर कोयी मानता नही . . . राज़ कि गवाही मे क्या दु , ए-वक्त वकालत का नही गुलाम हु मजबूरी का , झुठी मेरी मोहब्बत नही . . . वक्त का इंतजार हे , ए सिलसिला हे जो कटता नही वो रोशनी मे सुरज , और मे कभी बुझता नही . . . #काकडे #sunrays