Qurbat न तुम समझ सकते हो ,न मैं समझा सकता हूँ, बस अपना मुस्कुराता हुआ चेहरा दिखा सकता हूँ। सलीका है तुममे अगर पढ़ने का तो पढ़ सकते हो, अब मैं हर बात का तर्जुमा तो नहीं बता सकता हूँ।। ✍️अब्दुल मोईद ©Abdul Moid #qurbat #Rose