वो श्रमिक है जनाब कब से अधूरे हैं उनके ख्वाब कब सही होंगे हालात कौन समझेगा उनके जज़्बात कैसे काटते हैं उनके दिन और रात कब आएगी रोटी कब मिटेगी पेट की आग बच्चे उनके भूख की जंग में, कैसे सीखेंगे शिक्षा के राग जिंदगी की भागदौड़ में, कब होगा उनका हिसाब कौन खोजेगा उनके लिए इन सवालों के जवाब पर, वो श्रमिक है जनाब वो लड़ेंगे चाहे जैसे हों हालात। सम्राट मजदूर दिवस की हर्दिक शुभकामना