कभी कभी चिढ़ाती जरूर है बेहेन,मगर फिर मनाती जरूर है बेहेन। कभी कभी बदमाशी जरूर करती है बेहेन,मगर मम्मी पापा की डांट से बचाती जरूर है बेहेन। बुरे काम करने से डराती है बेहेन,मगर आगे बढ़ने की ओर बढ़ाती है बेहेन। मेरी गलतियों को छुपाती है बेहेन,और अपनी बात रखने का तरीका बताती है बेहेन। ©Aniket kewat shayari for sister #RaysOfHope