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जिंदगी का तकाजा है कभी गम कभी खुशी! दौर ए महंगाई

जिंदगी का तकाजा है 
कभी गम कभी खुशी!
दौर ए महंगाई में,खुशी 
के संग गम भी है रूठी !!
मिल जाए अगर 
मिर्च नमक वाली रोटी!
मेरी गुड़िया भी आज 
भरपेट खाकर सोती!!
बिना काम किए 
जब घर लौटते हैं पति!
माहौल ऐसा हो जाता है 
मानो आ गई कोई विपत्ति!!
उनको क्या चंद रुपयों में 
कैंटीन में खाते हैं मिष्टी रोटी!
उनकी बेटी कभी भूखी सोती
शायद दर्द तब उन्हें भी होती!!
पहनकर झक कुर्ता और धोती
चार पुश्तो के लिए बटोरते हैं मोती!



 सुप्रभात।
सफ़र ज़िन्दगी का तक़ाज़ा है।
*तक़ाज़ा - डिमांड
#तक़ाज़ा #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
जिंदगी का तकाजा है 
कभी गम कभी खुशी!
दौर ए महंगाई में,खुशी 
के संग गम भी है रूठी !!
मिल जाए अगर 
मिर्च नमक वाली रोटी!
मेरी गुड़िया भी आज 
भरपेट खाकर सोती!!
बिना काम किए 
जब घर लौटते हैं पति!
माहौल ऐसा हो जाता है 
मानो आ गई कोई विपत्ति!!
उनको क्या चंद रुपयों में 
कैंटीन में खाते हैं मिष्टी रोटी!
उनकी बेटी कभी भूखी सोती
शायद दर्द तब उन्हें भी होती!!
पहनकर झक कुर्ता और धोती
चार पुश्तो के लिए बटोरते हैं मोती!



 सुप्रभात।
सफ़र ज़िन्दगी का तक़ाज़ा है।
*तक़ाज़ा - डिमांड
#तक़ाज़ा #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi

सुप्रभात। सफ़र ज़िन्दगी का तक़ाज़ा है। *तक़ाज़ा - डिमांड #तक़ाज़ा #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi