अशलियत तो वही नज़र आती है 'अक्स' अक्सर नज़र नहीं आता वक्त लिखता रहा चेहरे पे हर पल का हिसाब हम भटकते रहे इस दुनिया के वीराने में, आज जो लौटे हैं तो हसने की अदा भूल गए ये शहर भुला हमें हम भी इसे भूल गए.. हज़ारों आईने देखे किसी भी आईने में अक्स पूरा ही नहीं है। #अक्स #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi#suchitapandey #सुचितपाण्डेय