बेवजह दिल पे कोई बोझ न भारी रखिये ज़िन्दगी जंग है इस जंग को जारी रखिये कितने दिन ज़िन्दा होने इसको न गिनिये साहिब किस तरह ज़िन्दा रहना इसकी शुमारी रखिये घनश्याम कुमार