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एकांतवासी संत, पाए खुशियाँ अनंत माया मे लिप्त मा

एकांतवासी संत,
पाए खुशियाँ अनंत 
माया मे लिप्त  मानव 
जैसे हो अतृप्त दानव 
एक खाये भोग पकवान 
दूसरा हर जगह ढूंढे भगवान 
संत तो है मस्तमौला, भावों से  वीतराग 
क्योंकि झुलसाती नहीं उसे रिश्तो की आग

©Kamlesh Kandpal
  #sant