तुम कहते थे तो मान लिया हमनें.... की तुम्हारे बगैर ये ज़िंदगी ज़िन्दगी नहीं लगती.... ईश्क़ की बारिश में अब ये ......दिल्लगी अच्छी नहीँ लगती इश्क डूबा था जब बात अश्कों के समन्दर की आई..... रूह महकी तेरी ,जब बात तुझ में मेरे सिमटने की आई फ़ासले न हो अब कभी दरमियाँ ये ने ही मुझसे कहा था....... अब जुदा होने की बात ्हारी ज़ुबान से अच्छी नही लगती..... उलझनों औऱ कश्मकश का ये दौर बहुत सख़्त है..... तेरी यू बेबसी की बातें अब मुझे अच्छी नहीं लगती....... #तुम#ज़िन्दगी#फ़साने#कहानी#प्यार