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रात से कशमाकश में हूँ ,,, फिर वही मंज़र होगा,,, ऊँ

रात से कशमाकश में हूँ ,,,
फिर वही मंज़र होगा,,,
ऊँची दुकानों पर 10 की चीज़ 50 में लेकर हर ग्राहक बे-मोल भाव के लबों पर मुस्कान लिए शान से खड़ा होगा,,,,,
और ,,,,जो देखूँ किसी फेरीवाले या ठेलेवाले,,
किसी अनाथ
किसी मजबूर
किसी बाल-मज़दूर की तरफ
तो वो धूप में तपता,,,
10 के 2 ,,,,10 के 2,,,
चीख कर आवाज़ लगाएगा,,
फिर भी मुश्किल से 2 ग्राहक ही वो पाएंगे,,,
और बहुत चलाकी से वोे 10 के 4 दीये ले जाएँगें,,,।।
Hallu✍ #uffff#Ye#Gareeebiii
रात से कशमाकश में हूँ ,,,
फिर वही मंज़र होगा,,,
ऊँची दुकानों पर 10 की चीज़ 50 में लेकर हर ग्राहक बे-मोल भाव के लबों पर मुस्कान लिए शान से खड़ा होगा,,,,,
और ,,,,जो देखूँ किसी फेरीवाले या ठेलेवाले,,
किसी अनाथ
किसी मजबूर
किसी बाल-मज़दूर की तरफ
तो वो धूप में तपता,,,
10 के 2 ,,,,10 के 2,,,
चीख कर आवाज़ लगाएगा,,
फिर भी मुश्किल से 2 ग्राहक ही वो पाएंगे,,,
और बहुत चलाकी से वोे 10 के 4 दीये ले जाएँगें,,,।।
Hallu✍ #uffff#Ye#Gareeebiii