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"शौर्य गाथा: छत्रपति शिवाजी महाराज" 19 फरवरी 1630

"शौर्य गाथा: छत्रपति शिवाजी महाराज"

19 फरवरी 1630, शाहजी और जीजाबाई के घर एक बालक जन्मा था,
शौर्य, साहस और स्वराज्य का जिससे नया दीपक चमका था।
शिवनेरी की धरती पर, जब सूरज एक उगा,
हिंदवी स्वराज्य का सपना तब सजीव बना ।।

बाल्यकाल से ही युद्धकला में थे वो निपुण,
नीति और साहस के थे उनमें अद्भुत गुण।
गुरु कोंडदेव से शिक्षा जब पाई,
रणनीति और युद्धकौशल में चमक तब आई ।।

मरुभूमि हो या पर्वत ऊँचे, रणभूमि में वो डटे रहे ,
दुश्मनों के सम्मुख वो अड़े रहे।
तोरणा, सिंहगढ़, रायगढ़ पर भगवा खूब लहराया,
अफजल, शायस्ता, मुगलों को रण में था धूल चटाया ।।

समुद्र पर भी उसने राज किया, 
मजबूत नौसेना का जब निर्माण किया ।
रायगढ़ में जब शिवाजी का तिलक हुआ
हिंद स्वराज्य का तब उदय हुआ ।।

प्रजा का हित, न्याय था धर्म, 
 युगों-युगों तक याद रहेगा उनका ये कर्म ।
वीर शिवाजी महाराज, हम  तेरा  गुणगान करें,
तेरी जयंती पर सदा, हम तुझे  प्रणाम करें।।

©Ankit yadav #ShivajiMaharajJayanti
"शौर्य गाथा: छत्रपति शिवाजी महाराज"

19 फरवरी 1630, शाहजी और जीजाबाई के घर एक बालक जन्मा था,
शौर्य, साहस और स्वराज्य का जिससे नया दीपक चमका था।
शिवनेरी की धरती पर, जब सूरज एक उगा,
हिंदवी स्वराज्य का सपना तब सजीव बना ।।

बाल्यकाल से ही युद्धकला में थे वो निपुण,
नीति और साहस के थे उनमें अद्भुत गुण।
गुरु कोंडदेव से शिक्षा जब पाई,
रणनीति और युद्धकौशल में चमक तब आई ।।

मरुभूमि हो या पर्वत ऊँचे, रणभूमि में वो डटे रहे ,
दुश्मनों के सम्मुख वो अड़े रहे।
तोरणा, सिंहगढ़, रायगढ़ पर भगवा खूब लहराया,
अफजल, शायस्ता, मुगलों को रण में था धूल चटाया ।।

समुद्र पर भी उसने राज किया, 
मजबूत नौसेना का जब निर्माण किया ।
रायगढ़ में जब शिवाजी का तिलक हुआ
हिंद स्वराज्य का तब उदय हुआ ।।

प्रजा का हित, न्याय था धर्म, 
 युगों-युगों तक याद रहेगा उनका ये कर्म ।
वीर शिवाजी महाराज, हम  तेरा  गुणगान करें,
तेरी जयंती पर सदा, हम तुझे  प्रणाम करें।।

©Ankit yadav #ShivajiMaharajJayanti