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हरियाली के उस मैदान में अब सुखी घास खड़ी थी, सफर क

हरियाली के उस मैदान में अब सुखी घास खड़ी थी, सफर किया वहां तो देखा कि एक जिंदा लाश पड़ी थी, मन में सवाल उठा  कि ना कोई चोट हैं, फिर भी मौत का कारण क्या हैं तेरा? पास खड़ा कोई बोला मैं हूं इसका कातिल और "इश्क" नाम हैं मेरा।।।।

©Uday Kanwar
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Uday

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ISHQ✍️ #Quotes

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