हम उगते सूरज के साथ अपने खेत की मिट्टी को चूमते हैं डूबते सूरज के साथ अपने खेत को अलविदा कहते हैं यह इतिहास हमारा प्राचीन रहा हैं कहाँ गए सारे "जय जवान जय किसान" बोलने वाले देखो...कोई हमसे हमारा ग़ुरूर छीन रहा हैं #imfarmer ©Navneet Singh kashyap #farmersprotest