तुम्हारी नज़रों ने हमें, तुम्हारी नजरो में ही, ऐसे छिपाया है कि, जैसे मै तेरा ही साया हूं।। तेरे माथे की ये बिंदिया, मुझको खींचती है तेरी तरफ ऐसे, कि ये चुंबक और मै लौह जैसे। तेरी इन आदाओ में मेरा मर मिटना, गुनाह है तो ये गुनाह है मुझको जरूर करना।। तुम्हारी नज़रों ने हमें, तुम्हारी नजरो में ही, ऐसे छिपाया है कि, जैसे मै तेरा ही साया हूं।। तेरे माथे की ये बिंदिया, मुझको खींचती है तेरी तरफ ऐसे, कि ये चुंबक और मै लौह जैसे।