मेरा निश्छल स्वभाव होना, या, मेरा अपने संस्कारो का पालन करना, या, अपनो खुशी से ज्यादा दूसरे को खुश देखना, या, अपनो पर विश्वास करना, या, हर परिस्तिथियों में मुस्कुराना, या, सबको माफ कर देना !! था क्या जुर्म मेरा, बता सकते हो साई मेरा हाल क्यों है ऐसा समझा सकते हो साई । लोग कभी-कभी ऐसे पेश आते हैं कि मन सोच में पड़ जाता है, आख़िर मेरा जुर्म था क्या? अगर ये सच मे जुर्म था । तो मुझे मेरे किये की सजा मिल गयी, पर कब रुकेंगी जीवन की ये यातना ।। साई #sumitpandey #broken