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पूर्णिमा की रात का चमकता चाँद अपनी आभा से कितना मन

पूर्णिमा की रात का चमकता चाँद
अपनी आभा से कितना मनमोहक लगे
आसमान के सुकून की चादर ओढ़े
रोशन सारा जग वो करे
रात की चांदनी बिखेरे
तारों को भी साथ वो लेकर चले
जैसे ही देखेंगे चंदा और तारे
टिमटिमाते लगते कितने प्यारे
बादल के पिंजरे में कितने नजारे
सबको लगते बहुत ही प्यारे |
#स्वातिकीकलमसे✍️

©swati soni
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