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निगाहों में कितनी शोखियां भरी हैं, अदाओं में भी मा

निगाहों में कितनी शोखियां भरी हैं,
अदाओं में भी मासूमियत बड़ी है।
लम्हे ठहर जाते हैं तुम्हारी सादगी देखकर,
और कहतें हैं ये तो इबादत की घड़ी है।

©Aarzoo smriti
  #निगाहों में कितनी

#निगाहों में कितनी

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