इस साल सक्रांति कुछ यू आई .... चूल्हे पर बनने वाले तिल्ली के लड्डू की जगह, बाजार से तिलपट्टी, गजक ओर रेवाड़ी आई। पतंग उड़ाने वाले नन्हे हाथो में, मांझे की जगह चार्जर डोरी आई। इस साल सक्रांति कुछ यू आई.... कटे पतंग के पीछे भागने वाले कदमो में, कंप्यूटर टेबल ओर हाथो में... टी.वी. रिमोंट आया। संध्या के समय मांझे से कटने वाला डर, पक्षियों के मन से भी खोया। इस साल सक्रांति कुछ यू आई... ना पतंग कटने की ओर ना किसी के... गिरने की खबर आई इस साल सक्रांति कुछ यू आई।। ©H£àRt HàÇk£R इस साल #सक्रांति ...