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मईया... ओं मईया!!! कहाँ छुपा हूँ ढूंढो मुझे... मईय

मईया... ओं मईया!!!
कहाँ छुपा हूँ
ढूंढो मुझे... मईया
अपने लल्ला को ढूंढो
ओं मईया.. मईया मोरी

मईया-ओं-मईया मोरी,कहाँ हूँ बता ना
भूखा हूँ, प्यासा हूँ,
तनिक माखन तो खिलाना
तू है भरती प्रेम की झोली
मोरी मईया भोली
तोरे तितली के पीछे भागूँ, गुड्डे को मैं छुपा लूँ 
इन कृष्ण दीवानियों को छेड़ के भागूं , तू आना 
ओं मईया...तू अपनी आँचल में छुपा ना..!!

तू बना दे मेरी ख़ातिर सुगन्धित पुष्प माला..
मेरी सारी पीड़ा हर ले..
और खोल दे मेरी खुशियों का ताला..
ओं मईया मोरी
प्यारी मईया
बहुत
बहुत
सारा
प्रेम आपको प्रिय मईया ❤(◔‿◔)💕 🌺 ईश्वर प्रेम और हम 🦋🧸

प्रिय मईया,
           पता नहीं आज मेरी आँखें क्यों छलक आई.…बहुत ठण्ड बढ़ गयी है मईया.….. मैं ढूंढ रहा था तुम्हारी हांथों से बनी वो रेशमी स्वेटर.... मुझे मिला ही नहीं...😔😔फिर मैं धूप निकलते ही दौड़ गया तुम्हारी प्यारी 🦋 तितली से खेलने 🤗.... मईया ये तितली मेरे नाक पे बैठती है जैसे तुम स्वयं मेरी नाक को चूमके अपना लाड़ लगा रही हो...🥰और तुम्हारा गुड्डा भी तो नहीं मिल रहा था आज... जिसे  कड़कड़ाती ठण्ड में अपनी आगोश में लिए सुकूँ से सोता हूँ 🤗🤗,, जैसे उस गुड्डे में तुम को महसूस करता हूँ  और तुम,मुझे अपनी सीने में छुपा के ठण्ड से बचाती हो ☺️☺️.... मुझे तो तुम्हारी प्यारी आँचल में ही सों जाना अच्छा लगता है और सबसे महफूज़ जगह है मोरी मईया के प्रेम का आँचल 🤗🤗....

तुम तो पतित पावणी गंगा सी अपनी निश्छल प्रेम सबपे लुटा देती हो मईया ...... तो कुछ प्रेम मुझे भी दे देना मईया... तुम्हारी आँचल में आंख बंद कर सोना मुझे दुनिया में सबसे प्रिय है,,,,,, पता नहीं आप इतना प्रेम और दुलार कहाँ से लाती है.... बहुत सलोनी हो मईया मोरी ❤❤🤗🤗मुझे लगता है शायद तुझे मेरी बातों पर विशवास नहीं होगा...क्योंकि तू ही कभी-कभार कहती है ना कि
"बड़ा बातूनी है रे तू.....तुझे बड़ी बातें बनाना आता है"
अब तू ही मुझे बता मईया कि तुझ पर बातें न बनाऊँ तो किस पर बातें बनाऊँ.....तू ही तो है मेरे ख्याली पूलावो को चखने वाली....तू ही तो है प्रेम से मुझे सहलाने वाली,अपने ममता से पोषित करने वाली.....तूने ही मेरी जिंदगी को सँवारा है और अपने प्रेम से सींचकर मुझे वृक्ष बनाया है, इस काबिल कि दुनिया के मरम को समझ सकूँ और मैं खजूर के उस वृक्ष की तरह हूँ जिसकी कोई छावं भी नहीं है ।
मईया... ओं मईया!!!
कहाँ छुपा हूँ
ढूंढो मुझे... मईया
अपने लल्ला को ढूंढो
ओं मईया.. मईया मोरी

मईया-ओं-मईया मोरी,कहाँ हूँ बता ना
भूखा हूँ, प्यासा हूँ,
तनिक माखन तो खिलाना
तू है भरती प्रेम की झोली
मोरी मईया भोली
तोरे तितली के पीछे भागूँ, गुड्डे को मैं छुपा लूँ 
इन कृष्ण दीवानियों को छेड़ के भागूं , तू आना 
ओं मईया...तू अपनी आँचल में छुपा ना..!!

तू बना दे मेरी ख़ातिर सुगन्धित पुष्प माला..
मेरी सारी पीड़ा हर ले..
और खोल दे मेरी खुशियों का ताला..
ओं मईया मोरी
प्यारी मईया
बहुत
बहुत
सारा
प्रेम आपको प्रिय मईया ❤(◔‿◔)💕 🌺 ईश्वर प्रेम और हम 🦋🧸

प्रिय मईया,
           पता नहीं आज मेरी आँखें क्यों छलक आई.…बहुत ठण्ड बढ़ गयी है मईया.….. मैं ढूंढ रहा था तुम्हारी हांथों से बनी वो रेशमी स्वेटर.... मुझे मिला ही नहीं...😔😔फिर मैं धूप निकलते ही दौड़ गया तुम्हारी प्यारी 🦋 तितली से खेलने 🤗.... मईया ये तितली मेरे नाक पे बैठती है जैसे तुम स्वयं मेरी नाक को चूमके अपना लाड़ लगा रही हो...🥰और तुम्हारा गुड्डा भी तो नहीं मिल रहा था आज... जिसे  कड़कड़ाती ठण्ड में अपनी आगोश में लिए सुकूँ से सोता हूँ 🤗🤗,, जैसे उस गुड्डे में तुम को महसूस करता हूँ  और तुम,मुझे अपनी सीने में छुपा के ठण्ड से बचाती हो ☺️☺️.... मुझे तो तुम्हारी प्यारी आँचल में ही सों जाना अच्छा लगता है और सबसे महफूज़ जगह है मोरी मईया के प्रेम का आँचल 🤗🤗....

तुम तो पतित पावणी गंगा सी अपनी निश्छल प्रेम सबपे लुटा देती हो मईया ...... तो कुछ प्रेम मुझे भी दे देना मईया... तुम्हारी आँचल में आंख बंद कर सोना मुझे दुनिया में सबसे प्रिय है,,,,,, पता नहीं आप इतना प्रेम और दुलार कहाँ से लाती है.... बहुत सलोनी हो मईया मोरी ❤❤🤗🤗मुझे लगता है शायद तुझे मेरी बातों पर विशवास नहीं होगा...क्योंकि तू ही कभी-कभार कहती है ना कि
"बड़ा बातूनी है रे तू.....तुझे बड़ी बातें बनाना आता है"
अब तू ही मुझे बता मईया कि तुझ पर बातें न बनाऊँ तो किस पर बातें बनाऊँ.....तू ही तो है मेरे ख्याली पूलावो को चखने वाली....तू ही तो है प्रेम से मुझे सहलाने वाली,अपने ममता से पोषित करने वाली.....तूने ही मेरी जिंदगी को सँवारा है और अपने प्रेम से सींचकर मुझे वृक्ष बनाया है, इस काबिल कि दुनिया के मरम को समझ सकूँ और मैं खजूर के उस वृक्ष की तरह हूँ जिसकी कोई छावं भी नहीं है ।

🌺 ईश्वर प्रेम और हम 🦋🧸 प्रिय मईया, पता नहीं आज मेरी आँखें क्यों छलक आई.…बहुत ठण्ड बढ़ गयी है मईया.….. मैं ढूंढ रहा था तुम्हारी हांथों से बनी वो रेशमी स्वेटर.... मुझे मिला ही नहीं...😔😔फिर मैं धूप निकलते ही दौड़ गया तुम्हारी प्यारी 🦋 तितली से खेलने 🤗.... मईया ये तितली मेरे नाक पे बैठती है जैसे तुम स्वयं मेरी नाक को चूमके अपना लाड़ लगा रही हो...🥰और तुम्हारा गुड्डा भी तो नहीं मिल रहा था आज... जिसे कड़कड़ाती ठण्ड में अपनी आगोश में लिए सुकूँ से सोता हूँ 🤗🤗,, जैसे उस गुड्डे में तुम को महसूस करता हूँ और तुम,मुझे अपनी सीने में छुपा के ठण्ड से बचाती हो ☺️☺️.... मुझे तो तुम्हारी प्यारी आँचल में ही सों जाना अच्छा लगता है और सबसे महफूज़ जगह है मोरी मईया के प्रेम का आँचल 🤗🤗.... तुम तो पतित पावणी गंगा सी अपनी निश्छल प्रेम सबपे लुटा देती हो मईया ...... तो कुछ प्रेम मुझे भी दे देना मईया... तुम्हारी आँचल में आंख बंद कर सोना मुझे दुनिया में सबसे प्रिय है,,,,,, पता नहीं आप इतना प्रेम और दुलार कहाँ से लाती है.... बहुत सलोनी हो मईया मोरी ❤❤🤗🤗मुझे लगता है शायद तुझे मेरी बातों पर विशवास नहीं होगा...क्योंकि तू ही कभी-कभार कहती है ना कि "बड़ा बातूनी है रे तू.....तुझे बड़ी बातें बनाना आता है" अब तू ही मुझे बता मईया कि तुझ पर बातें न बनाऊँ तो किस पर बातें बनाऊँ.....तू ही तो है मेरे ख्याली पूलावो को चखने वाली....तू ही तो है प्रेम से मुझे सहलाने वाली,अपने ममता से पोषित करने वाली.....तूने ही मेरी जिंदगी को सँवारा है और अपने प्रेम से सींचकर मुझे वृक्ष बनाया है, इस काबिल कि दुनिया के मरम को समझ सकूँ और मैं खजूर के उस वृक्ष की तरह हूँ जिसकी कोई छावं भी नहीं है । #पत्र #feelings #yqbaba #yqdidi #हरेकृष्ण #testimonial #मईया_तू_संसार