क्यूँ आसमां को सर पे उठाया है तूने, गमों को दिलों से लगाया है तूने, सिहरती है धड़कन, सहमती हैं सांसे, तो पैकर सियह क्यूं बनाया ये तूने, भुला देंगे तुझको दो आंसू बहाकर, किसी को फिकर ना तुम्हारी यहाँ पर, कभी इल्ज़ाम गिनने तुम आकर के बैठो, तो गवाही भी देंगे, ये कब्रों से आकर, गनीमत है तुमसे तो इंसान रूठा, यहाँ तो हमारा खुदा हमसे छूटा, पलकों से क़तरा बहाया ना आँसू, अंदर ही अंदर मगर सब था टूटा, ख्वाबों की दुनिया मुकम्मल कहाँ है, जीने की ख्वाहिश में मरना यहाँ है, अब मंजिल यहीं है, यहीं कारवां है, इन राहों से आगे अब, जाना कहां है... ✍️गौरव🌀 पैकर सियाह Form of darkness #life_lesson #realityoflife #Zindagi #khwab #waiting