रुकता नहीं प्रकाश है बादलों के छाने से.. सूर्य देखो चमक रहा है एक सदी,एक जमाने से। वे खुश हैं धुआं उठता देख हमारे आशियाने से! अपनी तो हर सुबह होती है रकीबों के मुस्कुराने से। 😊😊😊 ©निम्मी की कलम से #सूर्य #चमक