तू चांद है तुझे पाना नहीं चाहता! देखने का एक मौका भी गंवाना नहीं चाहते ! तुझे दूर से जाना मंजूर है मुझे मुझे इस इबादत पर गुरुर मुझे तुझे अपने लफ्जों में छुपा कर रखो अपनी शायरी में बसा के रखूंगा चांदनी सी मैं तेरा चांदनी नहीं मैं खुद को जमीन बनाकर रखूंगा #sad___shayari