यहाँ मनुष्य तो हर कोई है मगर मनुष्यता हर किसी मे नही है नमस्कार लेखकों🌺 Collab करें हमारे इस #RzPoWriMoH30 के साथ और "मनुष्यता" पर कविता लिखें। (मूल कविता मैथिलीशरण गुप्त द्वारा) • समय सीमा : 24 घंटे • कैपशन में संक्षिप्त विस्तारण करने की अनुमति है।