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परिवार की दो वक्त की रोटियां के लिए, जो कभी यहां

परिवार की दो वक्त की रोटियां के लिए,
 जो कभी यहां तो कभी वहां भटकते रहे,,


कभी घर से निकले भी तो बस कमाने निकले,
 वरना बंद कमरो में फंदे पंखो से लटकते रहे।

©Dev choudhary
  #Faansi