सोचा बन कर पंछी कहीं उड़ जाऊ फिर पिंजरे का दर लगने लगा सोचा चिटी बन कर खो जाऊ फिर कुचलने का दर लगने लगा कोई खुश नहीं है इस जहां में सबके अपने दुख हैं और रास्ते कठिन है सही पर सीखना सब कुछ है ©mayur Sharma सोचा पंछी बन उड़ जाऊं कहीं पर पिंजरे से दर लगने लगा ❤️ #gaon