हरियाली बिछगई तराई पर घाटी की पगडंडी लजाई और ओट हुई पर चंचल रह न सकी फिर उलझी और झांक गई आज उसकी गली से गुज़रते हुए मन में आए हज़ारों तरह के ख़याल #उसकीगली #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi