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मुद्दतो बाद आज मैने खुद से मुलाकात की बैठी में खु

मुद्दतो बाद आज मैने खुद से मुलाकात की 
बैठी में खुद के पास और मैने खुद से बहोत बात की 
आईने के सामने मैने खुद को निहारा 
अपनी उलझी लटओ को बड़े प्यार से सवारा
देखा जब मैने आईने में खुद को दोबारा 
मैने खुद की ही तारीफ खुद से सो बार की 
सावली सी रंगत भी खूबसूरत होती है  
ये सोचकर मैने अपनी नजर को उतारा 
और जो कहते है मुझपर कोई रंग खिलता नही है 
मेरी मुसकान के सामने मुझे हर रंग फीका सा नजर आया  
शुक्र है खुदा तूने मुझे सावला ही बनाया 
मेरे सावले रंग पर मुझे आज बहोत गुरूर है आया

©Rashmi Thakur 
  # सावली सी रंगत#

# सावली सी रंगत# #कविता

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