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ये सुर्ख लब, ये रुखसार, और ये मदहोश नज़रें, इतने

ये सुर्ख लब, ये रुखसार, और   ये मदहोश नज़रें,
इतने कम फासलों पर तो मयखाने भी नहीं होते।

©Kumar Vinod
  मयखाने

मयखाने #Shayari

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