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आसमां में चाँद था , हवाओं में खुमार था । होंठों पर

आसमां में चाँद था , हवाओं में खुमार था ।
होंठों पर गीत थे , हाथों में गिटार था ।
ज़िन्दगी के ये लम्हे अनमोल थे बहुत ही ,
मौसम में सिहरन थी और सामने मेरा प्यार था ।।
                                                     "रवि राज शर्मा" #तुम_साथ_हो ।।
आसमां में चाँद था , हवाओं में खुमार था ।
होंठों पर गीत थे , हाथों में गिटार था ।
ज़िन्दगी के ये लम्हे अनमोल थे बहुत ही ,
मौसम में सिहरन थी और सामने मेरा प्यार था ।।
                                                     "रवि राज शर्मा" #तुम_साथ_हो ।।