ये खुदा मेरी मंजिल... ये खुदा मेरी मंजिल जुदा हो गयी।... लेकर मेरी जान अलविदा हो गयी।... कितने सिद्दतसे उनको चाहते थे हम। सांसों की हवा बनाके रखते थे हम। धडकने दिलसे क्यू गमजदा हो गयी।.. लेकर मेरी जान अलविदा हो गयी।... अब तो सांसे लुटा गये जीते जी हम। दफन आरमां किये बैठे जीते जी हम। बेकसूरों को मोहब्बत ये सजा दे गयी।... लेकर मेरी जान अलविदा हो गयी।... कवीराज। ९०२१०३४९१७. ये खुदा मेरी मंजिल।...