अश्क़ों की कहानी है छुपाई! दर्द का सैलाब हर रात उमड़े है मुहब्बत की कहीं हो न रूसवाई! क्यूँ आया था दिल उस नामुराद पर, क्यूँ इश्क़ कर बैठा उससे दिल शैदाई..? अब जो होश में आए, हमारे हाथ खाली या'मौला ठगे रह गए हम वो था हरजाई! काश! न खोला होता, दिल का दरवाज़ा आज फिर सोचा तो मेरी आँख भर आई! नमस्कार लेखकों।😊 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 समय सीमा : 3 अक्टूबर, दोपहर 3 बजे तक।