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सोचने योग्य बात.... आज का अख़बार खोला ,कुछ फिर दर्

सोचने योग्य बात....
आज का अख़बार खोला ,कुछ फिर दर्द उभर आया
देखकर बेवफाई की खबरों ने, फिर मुझे रुलाया ......
क्या हो गया है इस जमाने को 
कैसे सब बदलते जा रहे हैं ......
सोचने पर मजबूर हूं आज 
लोग क्यों बिगड़ते जा रहे हैं.......
लगता है हवा ही में कुछ, मिल गया है 
बेरुखी का आलम इतना हो गया है 
कि सांसों में भी घुल गया है ........
ना किसी के प्रति सम्मान, ना ही मोह 
बस धन की होड़ में ,सब कुछ मिट गया है...... 
निर्मम हो गए इंसानों को ,कौन जगाएगा 
फिर इस संसार को कौन ,खुशहाल बनाएगा ......
कब लोग एक दूसरे को ,लूटना बंद करेंगे  
अपने कफ़न के लिए ,बेईमानी से कमाना 
कब बंद करेंगे.............
@_muskurahat_ #gif सोचने योग्य बात....
आज का अख़बार खोला ,कुछ फिर दर्द उभर आया
देखकर बेवफाई की खबरों ने, फिर मुझे रुलाया ......
क्या हो गया है इस जमाने को 
कैसे सब बदलते जा रहे हैं ......
सोचने पर मजबूर हूं आज 
लोग क्यों बिगड़ते जा रहे हैं.......
लगता है हवा ही में कुछ, मिल गया है
सोचने योग्य बात....
आज का अख़बार खोला ,कुछ फिर दर्द उभर आया
देखकर बेवफाई की खबरों ने, फिर मुझे रुलाया ......
क्या हो गया है इस जमाने को 
कैसे सब बदलते जा रहे हैं ......
सोचने पर मजबूर हूं आज 
लोग क्यों बिगड़ते जा रहे हैं.......
लगता है हवा ही में कुछ, मिल गया है 
बेरुखी का आलम इतना हो गया है 
कि सांसों में भी घुल गया है ........
ना किसी के प्रति सम्मान, ना ही मोह 
बस धन की होड़ में ,सब कुछ मिट गया है...... 
निर्मम हो गए इंसानों को ,कौन जगाएगा 
फिर इस संसार को कौन ,खुशहाल बनाएगा ......
कब लोग एक दूसरे को ,लूटना बंद करेंगे  
अपने कफ़न के लिए ,बेईमानी से कमाना 
कब बंद करेंगे.............
@_muskurahat_ #gif सोचने योग्य बात....
आज का अख़बार खोला ,कुछ फिर दर्द उभर आया
देखकर बेवफाई की खबरों ने, फिर मुझे रुलाया ......
क्या हो गया है इस जमाने को 
कैसे सब बदलते जा रहे हैं ......
सोचने पर मजबूर हूं आज 
लोग क्यों बिगड़ते जा रहे हैं.......
लगता है हवा ही में कुछ, मिल गया है