Nojoto: Largest Storytelling Platform

    अब कैं राखि लेहु भगवान | हौं अनाथ बैठ्यौ द्रुम

    अब कैं राखि लेहु भगवान |
हौं अनाथ बैठ्यौ द्रुम-डरिया, पारधि साधे बान |
ताकैं डर मैं भाज्यौ चाहत, ऊपर ढुक्यौ सचान |
दुहूँ भाँति दुख भयौ आनि यह, कौन उबारे प्रान ?
सुमिरत ही अहि डस्यौ पारधी, कर छूट्यौ संधान |
सूरदास सर लग्यौ सचानहिं, जय जय कृपानिधान || सूरदास
    अब कैं राखि लेहु भगवान |
हौं अनाथ बैठ्यौ द्रुम-डरिया, पारधि साधे बान |
ताकैं डर मैं भाज्यौ चाहत, ऊपर ढुक्यौ सचान |
दुहूँ भाँति दुख भयौ आनि यह, कौन उबारे प्रान ?
सुमिरत ही अहि डस्यौ पारधी, कर छूट्यौ संधान |
सूरदास सर लग्यौ सचानहिं, जय जय कृपानिधान || सूरदास
nojotouser5064729704

RK SHUKLA

New Creator

सूरदास