तुमनें मोहब्बत की तो तुम्हारी गलीया भी हमकों याद आनें लगी गुजरतें थें जो उनकें पास सें होकर तों महबुब आया कहकर चिडानें लगीं अब तुम ही कहो हमारी खता क्या हुई तुम्हारी गलियों में जो हम तुमकों देखनें आयें और वो हमको तुम्हारा सनम बुलाने लगी हिमान्शु अग्रवाल प्यार उससें हैं हमकों बहुत ज्यादा