बदलते मौसम की राहों में,
बिन पानी की धरती बेजान है।
जब से तेरा साथ छूटा है,
ये दिल बेहाल और उदास है।तेरी यादों की बरसात के बाद,
सूखे पत्तों की तरह बिखरा हूँ।
अब तेरे बिना ज़िन्दगी की राहें,
सूखी हवाओं में बस बहा हूँ।कहानी तेरी यादों की गहराइयों में,
ये दिल तन्हाई की सूनी है। #Poetry#sookha#Sukha#poetry_addicts