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मन की आखों से देखों क्योंकि SaWaaL तुम्हें अपने ह

मन की आखों से देखों क्योंकि SaWaaL

तुम्हें अपने हाथों मे महसूस किया है,
फिर तुम इन लकीरों मे क्यूं नही ?
हर दिन बाद-ऐ-सबा बनकर इस बदन से लिपट जाती हो,
फिर तुम इन बाहों मे क्यूं नही ?
बसीरत फना नही होगा खुदा के किसी दस्तूर से,
 तुम अगर मेरी मंजिल थी, 
तो अब इन राहों में क्यू नही ?

©Vijay Mishra #Hindi #Sawal 
#Shayar
मन की आखों से देखों क्योंकि SaWaaL

तुम्हें अपने हाथों मे महसूस किया है,
फिर तुम इन लकीरों मे क्यूं नही ?
हर दिन बाद-ऐ-सबा बनकर इस बदन से लिपट जाती हो,
फिर तुम इन बाहों मे क्यूं नही ?
बसीरत फना नही होगा खुदा के किसी दस्तूर से,
 तुम अगर मेरी मंजिल थी, 
तो अब इन राहों में क्यू नही ?

©Vijay Mishra #Hindi #Sawal 
#Shayar
vijaymishra2778

Vijay Mishra

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