अक्षर-शब्दों से उलझ पड़ते हैं, हम पंक्तियों से झगड़ पड़ते हैं, सूक्ष्म सा महसूस होता शब्दालय, जैसे सोच में पड़ जाता हिमालय, यूँ तो लफ़्ज़ों से सुबह शाम खेलता रहता हूँ, जज़्बात दिल के आँखो से बताता रहता हूँ, कभी सोचता हूँ कोई संदेश लिखूं तुमको, पर जब कलम उठाता हूँ,लिखता-मिटाता रहता हूँ।। लिखते हैं, मिटाते हैं... #लिखतेमिटाते #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Collaborating with Anjali Mishra