खुद को अंदर से जलाना पड़ता है दोस्तों यूहीं तो कोई सितारा सितारा नहीं बनता कई बंद दरवाजों पर दस्तक देता है वो यूहीं तो कोई आवारा आवारा नहीं बनता उसका कोई अपना मकसद जरूर होगा यूहीं तो कोई किसी का सहारा नहीं बनता लहरों की दिन रात चोट खाता है वो यूहीं तो कोई किनारा किनारा नही बनता यह मेरी पसंदीदा कविता है #nojoto #nojotohindi