सांसारिक सुखों की लालसा और फल की इच्छाओं ने हमे कितना स्वार्थी बना देता है न साहब। यादों को जिन्दा रखने के लिये तस्वीरे चिपकाना कितना आवश्यक हो गया है। जय हिंद सर लालसा