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किसे कब कहाँ कैसे क्या न हो जाए? क्यूँ न आज ही दरम

किसे कब कहाँ कैसे क्या न हो जाए?
क्यूँ न आज ही दरमियाँ वफ़ा हो जाए?

जहाँ जब जैसे जिसे जितना मुनासिब हो,
हिस्से में उसके मेरी दुआ हो जाए।

इधर से उधर तक फ़िकर ही फ़िकर हो,
जो रब्बा तेरी मुसलसल रज़ा हो जाए।

यहाँ से वहाँ तक हो मोहब्बत की सीढ़ी,
कि जमीं से आसमाँ तक रास्ता हो जाए।

अग़र से मग़र को, परन्तु से किन्तु को,
माफ़ी हो मुक़र्रर, ग़र ख़ता हो जाए। #dearsdare #life #mafi #khatamerithi #khuda #rabba #yqdidi #yqbaba
किसे कब कहाँ कैसे क्या न हो जाए?
क्यूँ न आज ही दरमियाँ वफ़ा हो जाए?

जहाँ जब जैसे जिसे जितना मुनासिब हो,
हिस्से में उसके मेरी दुआ हो जाए।

इधर से उधर तक फ़िकर ही फ़िकर हो,
जो रब्बा तेरी मुसलसल रज़ा हो जाए।

यहाँ से वहाँ तक हो मोहब्बत की सीढ़ी,
कि जमीं से आसमाँ तक रास्ता हो जाए।

अग़र से मग़र को, परन्तु से किन्तु को,
माफ़ी हो मुक़र्रर, ग़र ख़ता हो जाए। #dearsdare #life #mafi #khatamerithi #khuda #rabba #yqdidi #yqbaba